पानीपत. हरियाणा सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों का पलायन रोकने के लिए बनाए गए सेफ हाउस में रह रहे प्रवासियों को किसी तरह के मनोरोग से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने गुरुवार से उनकी कांउसलिंग शुरू कर दी है। यही नहीं तुरंत प्रभाव से सभी जिलों में मनोचिकित्सकों के नेतृत्व में कांउसलरों की टीम को तैनात किया गया है। मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने बुधवार को सभी डीसी को निर्देश दिए थे कि वे अपने क्षेत्र में चल रहे सेफ हाउस में रहने वाले प्रवासियों की कांउसलिंग शुरू करवाएं। मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में मनोचिकित्सकों के नेतृत्व में कांउसलरों की टीम का गठन कर दिया है।
इन्हें नियुक्ति किया: महेंद्रगढ़ नारनौल में डॉ.पवन, नूंह में डॉ. आशीष सिंगला, पलवल में डॉ.अजय, पंचकूला में डाक्टर अनु बंसल, पानीपत में डाक्टर ललित के नेतृत्व में 40 कांउसलरों की टीम को उतारा गया है। रेवाड़ी में डॉ.राजेश कुमार के नेतृत्व में 15, रोहतक में डाक्टर कर्मबीर कुंडू के नेतृत्व में सात, सोनीपत में डॉ. योगेश गोयल के नेतृत्व में दस तथा यमुनानगर में डॉ.राजेश परमार के नेतृत्व में सात कांउसलरों को प्रवासियों की कांउसलिंग के लिए तैनात किया गया है। अम्बाला में मनोचिकित्सक डॉ. पवन के नेतृत्व में 11, भिवानी में डॉ. मीना के नेतृत्व में 20, फतेहाबाद में गौरव कुमार के नेतृत्व में पांच, फरीदाबाद में डॉ.शीला भगत के नेतृत्व में तीन, कैथल में डॉ. डीसी ठुकराल के नेतृतव में चार, गुड़गांव में डाक्टर अजीत दीवान के नेतृत्व में 11, हिसार में डॉ. तुषार के नेतृत्व में पांच, झज्जर में डॉ.जसदीप सलूजा के नेतृत्व में पांच, जींद में डॉ. संकल्प डोडा के नेतृत्व में पांच, कुरुक्षेत्र में डॉ.सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में पांच कांउसलरों को तैनात किया है।
सेवानिवृत डाॅक्टर व पूर्व सैनिकों की सूची होगी तैयार
हरियाणा में सेवानिवृत डॉक्टर, पूर्व सैनिकों की सूची तैयार करने के आदेश दिए गए हैं, इसमें आयुष के डॉक्टरों को भी शामिल किया जाएगा। यही नहीं हर जिले में डॉक्टरों की रैपिड रिस्पॉंस टीमें भी बनाई जाएगी। विभिन्न राहत गतिविधियों में सहयोग लेने के लिए एनएसएस और एनसीसी वॉलंटियर्स की ऑनलाइन ट्रेनिंग करवाई जाए। यह निर्देेश चीफ सेक्रेटरी केशनी आनंद अरोड़ा ने गुरुवार को जारी किए हैं। उन्होंने बैंकर्स से आह्वान किया है कि वे प्रदेश में प्रत्येक जिले में बैंक और एटीएम खुले रखें, बैंकों और एटीएम में भीड़ इक्ट्ठा न हो इसे रोकने के लिए एटीएम में नकद की व्यवस्था सुनिश्चित करें तथा मोबाइल एटीएम की सुविधा हर जिले में शुरू की जाए। कोरोना रिलीफ फंड के लिए नकद में दान न लिया जाए, बल्कि लोगों को डिजिटल माध्यम से दान देने के लिए प्रेरित किया जाए। प्रवासी मजदूरों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए और जो जहां हैं उन्हें वहीं रोक कर बनाए गए रिलीफ कैंपों में रखा जाए। इसके साथ ही अंतर जिला सीमाओं पर विशेष तौर पर नजर रखी जाए। रिलीफ कैंपों में रह रहे सभी प्रवासी मजदूरों का डाटा इकट्ठा किया जाए, जिसमें उनका नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर इत्यादि जानकारी शामिल हो और यह डाटा ऑनलाइन भी उपलब्ध करवाया जाए।
नए भर्ती हुए 312 डॉक्टरों में से 71 ने ही की जॉइनिंग
कोरोना वायरस से लड़ने में भले ही पूरे हरियाणा के डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी अस्पतालों में जूझ रहे हैं, लेकिन संकट की इस घड़ी में सरकार की ओर से की गई नई भर्ती के बावजूद डॉक्टर जॉइन करने के लिए तैयार नहीं है। सरकार की ओर से पीजीआई रोहतक के जरिए 447 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर 312 की भर्ती की जा चुकी है। लेकिन उनमें 71 डॉक्टरों ने ही अभी तक ड्यूटी संभाली है। जबकि सरकार अन्य डॉक्टरों को उनकी मर्जी के अनुसार कहीं भी किसी भी अस्पताल में जॉइनिंग की छूट दे दी है। बावजूद इसके अनेक डॉक्टर ड्यूटी जॉइन करने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। मार्च के पहले सप्ताह में ही डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर उन्हें जॉइनिंग लेटर जारी करने थे, जिसमें थोड़ी देरी हुई। लेकिन मार्च के गुजरते-गुजरते कोरोना वायरस के मरीज बढ़ने के बीच जब इन डॉक्टरों को जॉइनिंग पत्र जारी किए गए तो ज्यादातर ने जॉइन ही नहीं किया। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि डॉक्टरों को कहीं भी जॉइन करने की छूट दी गई है।